2025-06-06 09:06:08
नीमच में पहली बार हुआ ICD (Implantable Cardioverter Defibrillator) का सफल प्रत्यारोपण 65 वर्षीय मरीज की जान बचाने में मिली बड़ी सफलता

नीमच: जिले के ज्ञानोदय मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल नीमच में चिकित्सा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। पहली बार ICD (Implantable Cardioverter Defibrillator) डिवाइस का सफलतापूर्वक प्रत्यारोपण (इम्प्लांट) किया गया है। यह ऑपरेशन 65 वर्षीय हृदय रोगी पर किया गया जिन्हें पहले हार्ट अटैक आ चुका था और जिनके हृदय में पहले ही दो स्टेंट लगाए जा चुके थे।हाल ही में मरीज को वेंट्रिकुलर टैकीकार्डिया नामक गंभीर स्थिति हुई जिसमें हृदय की धड़कन असामान्य रूप से 200 प्रति मिनट से अधिक हो गई थी, जिससे वे अचानक बेहोश हो गए। तत्काल चिकित्सा सहायता के अंतर्गत उन्हें इमरजेंसी डिपार्टमेंट द्वारा शॉक देकर स्थिर किया गया और जीवन रक्षक दवाइयां दी गयी और तीन दिन तक वेंटिलेटर पर रखा गया | स्थिति सामान्य होने पर डॉ (मेजर) अजित प्रताप सिंह (कार्डियोलॉजिस्ट) द्वारा ICD डिवाइस लगाने का निर्णय लिया गया। यह डिवाइस छाती पर त्वचा के नीचे प्रत्यारोपित की जाती है और इससे जुड़ी लीड को हृदय के दाहिने हिस्से में जोड़ा जाता है। यह एक विशेष मेडिकल डिवाइस है जो इसमें लगी बैटरी द्वारा चलता है, यह डिवाइस स्वतः ही लगातार ह्रदय की गति व धड़कन को मॉनिटर करता रहता है |जब भी हृदय की धड़कन असामान्य रूप से बढ़ती है, यह डिवाइस स्वतः शॉक देकर उसे नियंत्रित करता है, जिससे मरीज को समय पर जीवनरक्षक उपचार मिल जाता है। यह प्रोसीजर कैथ लेब में डॉ (मेजर) अजित प्रताप सिंह व उनकी केथ लैब विशेषज्ञ टीम द्वारा 2 घण्टे में गया गया |इस डिवाइस की कार्यक्षमता लगभग 8 वर्षों तक बनी रहती है और यह मरीज को भविष्य में आने वाले घातक हृदय दौरे से बचा सकता है।नीमच के ज्ञानोदय मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल नीमच में इस तरह की चिकित्सा प्रणाली से पहली बार किसी मरीज़ का सफलतापूर्वक ऑपरेशन किया गया | यह जिले के लिए गर्व का विषय है और यह हृदय रोगियों के लिए एक नई आशा की किरण है।