इंस्टाग्राम पर फेक आई डी से निजी स्कूल और शिक्षकों को कर रहे थे बदनाम ! पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर साइबर सेल की सजकता से हुआ खुलासा, दो युवकों के विरूद्ध हुआ केन्ट थाने में मामला दर्ज-.

नीमच। नीमच शहर की शैक्षणिक संस्थान स्प्रिगवुड स्कूल की फरियादी प्राचार्या  निवासी स्कीम नं. 36ए, स्प्रिगवुड स्कूल थाना नीमच केन्ट ने अपने द्वारा एक लिखित आवेदन जिला पुलिस अधिक्षक व केन्ट थाने को देते हुए पीड़ित प्राचार्य ने बताया कि हमारे विद्यालय द्वारा पत्र क्रमांक sws/complaint/fake insta id/2024-25 दिनांक 01 जनवरी 2025 के माध्यम से विद्यालय के नाम बताया कि हमारे swsconfession से फेक आईडी हेतु आवेदन किया गया था किन्तु उस सम्बंध में कोई कार्यवाही नहीं की गई थी। तथा आवेदन के माध्यम से केन्ट पुलिस से निवेदन किया गया था कि confesshere_69  आईडी बनाने वालों के बारे मे पता लगाकर सख्त से सख्त कानूनी कार्यवाही की मांग की गई थी ताकि भविष्य में इस प्रकार से कोई भी व्यक्ति किसी भी विद्यालय व विद्यालय के शिक्षक शिक्षिका की छवि को धुमिल न करें व इस प्रकार की कोई पोस्ट भी न कर सकें। उपरोक्त शिकायत आवेदन के आधार पर नीमच केन्ट पुलिस ने बारीकी से पड़ताल की और साइबर सेल द्वारा confesshere_69 की जांच की गई। जिस पर उक्त आवेदन पत्र जां से उक्त संदिग्ध इस्टाग्राम प्रोफाईल की जानकारी मेटा प्लेटाफार्म से प्राप्त की गई।उक्त जानकारी में प्राप्त आई.पी.लाग्स की जानकारी प्राप्त करते मोबा 9216942948 के धारक अभिनव पिता विजय जारोली नि0 वार्ड नं. 11, प्रतापगढ़ चौक, छोटी सादड़ी, जिला प्रतापगढ़ राजस्थान एवं मोबा. 9893146106 के धारक, हिमनिश पिता संजय अरोरा नि0 बंगला नं. 36, वार्ड नंत्र. 34 जिला नीमच द्वारा उक्त प्रोफाईल बनाना एवं संचालित किया जाना पाया गया है। जो उक्त मोबाईल धारकों का कृत्य प्रथमदृष्टया धारा 67 सूचना प्रौधेगिक अधिनियम 2000 के अंतर्गत का पाया जाने से अपराध कायमी की गई।उल्लेखनीय है कि इस गम्भीर मामले को लेकर विगत दिनों स्कूल की प्राचार्य  ने जनशिकायत निवारण शिविर में मंगलवार को कन्ट्रोल रूप पर आयोजित शिविर में पहूंचकर सम्पूर्ण मामले से जिला पुलिस अधिक्षक अंकित जायसवाल को अवगत कराया था जिस पर पुलिस अधिक्षक ने फरियादी प्राचार्य को सम्बंधित थाना प्रभारी पुष्पासिंह चौहान के समक्ष आश्वस्त किया था कि जल्द ही इस मामले में जांच कर दोषियों के विरूद्ध मामला दर्ज करने का आश्वासन दिया था जिस पर पुलिस कप्तान ने अपनी निष्पक्ष कार्यशैली का परिचय देते हुए पीड़ित फरियादी व विद्यालय के शिक्षक, शिक्षिकाओं के मन में पुलिस के प्रति विश्वास कायम करने का कार्य किया है।